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द गर्ल इन रूम 105

खन्न... सेफ़ की फ्रंट प्लेट नीचे जा गिरी। फैब्रिकेटर ने उसे अपनी वेल्डिंग टॉर्च से काट दिया था। इस पांच मिनट के काम के लिए उसने हमसे हजार रुपए ले लिए।


मैंने सेफ का सारा सामान खाली कर दिया और उसे जारा के बेड पर बिछा दिया। हम तीनों उसके इर्द-गिर्द खड़े हो गए। फिर मैं एक-एक कर सभी आइटम्स को उठाने लगा।

पहला आइटम एक पासपोर्ट था। "यह जारा का पासपोर्ट है, सफदर ने कहा।

'क्या मैं इन चीजों की लिस्ट बनाता चलूं?' सौरभ ने अपना फोन निकालते हुए कहा। 'बिलकुल, मैंने कहा

मैं एक-एक कर चीज़ों के नाम बताता रहा और सौरभ उन्हें अपने फोन में नोट करता रहा।

"तरह-तरह की करेंसीजा भारतीय रुपए, कोई बीस हजार के आसपास यूएस डॉलर्स, नौ हजार पाकिस्तान करेंसी, दस हजार रुपए। ' सफ़दर का फोन बजा।

"मेरे गोडाउन से फोन आया है। मुझे बात करनी होगी। तुम लोगों को जो करना हो, करो में अपने स्टडी रूम में हूं, ' सफ़दर ने कहा और चले गए। उनके जाने के बाद मैंने सौरभ से कहा, 'ये जेनुइन लगता है, है ना? या तुम्हें लगता है कि वो दिखावा कर

रहा है?"

"पता नहीं। लेकिन उसने हमें कुछ भी ढूंढ़ने से रोका नहीं।' "फाइन, तो अपना काम जारी रखते हैं। वेलवेट पाउच देखते हैं इसमें क्या है। ईयररिंग्स, मैंने कहा और उन्हें बाहर निकाल लिया।

'हीरे-जवाहरात वाली सोने की बालियां। पुरानी, ट्रेडिशनल क्रिस्म की, ' मैंने कहा ।

'बहुत महंगी लगती हैं, सौरभ ने डिटेल्स नोट करते हुए कहा । मैं एक-एक कर उसकी सेफ़ की चीजें देखता गया।

"एक भूरा पेपर बैग, मैंने कहा और पेपर बैग को उलट दिया। उसमें से अनेक चीजें बाहर गिर पड़ीं। 'बाऊ, कंडोम्स,' सौरभ और मैंने एक साथ कहा।

"और ये क्या है?" सौरभ ने कहा। उसने तीन सफ़ेद और आयताकार पेपर बॉक्स उठाए।

'प्रेगा न्यूज़,' उन डिब्बों पर लिखा हुआ था। "ये प्रेग्नेंसी किट्स हैं, मैंने कहा।

"ओह हां, मैंने इस बारे में करीना कपूर के एडवरटाइजमेंट्स देखे हैं। क्या इनकी मदद से आप प्रेग्रेट हो

सकते हैं?" "नहीं इडियट, अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो ये आपको बता देते हैं। लेकिन जारा को इनकी ज़रूरत क्यों थी मैंने

कहा।

सौरभ ने कंधे उचका दिए।

हर डिब्बे पर एक छोटा-सा स्टिकर लगा था। उस पर एक बारकोड और टेक्स्ट था, जिस पर लिखा था

'प्रेगकिट आईएनआर 501' 'बेल, वो रिलेशनशिप में थी, मैंने खुद के सवाल का जवाब देते हुए कहा। 'वो इंगेज्ड भी हो चुकी थी।'

मेरा गला रुंध गया। मैं उस कड़वे घूंट को निगल गया और अगला आइटम उठाया।

'ओप्पो फोन बॉक्स, मैंने कहा और बॉक्स खोल दिया। उसमें एक सेलफोन था । "इसको स्विच ऑन करो,' सौरभ ने कहा।

फोन को बूट अप होने में एक मिनट का समय लगा। फोन एक नेटवर्क से कनेक्टेड था, यानी उसमें सिमकार्ड

लगा हुआ था। उसमें कोई न्यूमेरिक लॉक नहीं था।

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